Green House बेरोजगारी के इस दौर में युवा व किसान हाईटेक ग्रीन हाउस के माध्यम से बारहों महीने सब्जी व फूल की खेती कर अपनी आय को बढ़ा सकते हैं। सबसे बड़ी बात यह है कि इसके माध्यम से बिना सीजन के भी सब्जियों को उगाया जा सकता है और इसे निर्यात कर अच्छी आमदनी की जा सकती है। आगामी सत्र में शासन द्वारा इस पर अनुदान भी दिया जायेगा। किसान सरकारी सहायता का लाभ उठाकर अपने जीवनस्तर में सुधार ला सकते हैं।
What Is Green House?
ग्रीन हाउस एक फ्रेमनुमा उभरा हुआ ढांचा होता है जो पारदर्शी, परभाषी, यूवी स्टेबिलाइज्ड, पालिथिन या पालिकार्बाेनेट सीट से ढका होता है। इसमें फसलों को नियंत्रित या आंशिक नियंत्रित पर्यावरण में उगाया जाता है। ग्रीन हाउस प्रौद्योगिकी का बेहतर उपयोग विपरीत मौसम तथा अत्यधिक वर्षा वाले क्षेत्रों के लिए काफी महत्वपूर्ण है।
Green House कम्प्यूटराइज्ड होता है
हाईटेक ग्रीन हाउस या फाइटोट्रानिक टाइप पाली हाउस में तापक्रम, आर्द्रता, वायु संचार, प्रकाश आदि को नियंत्रित करने के लिए स्वचालित उपकरण लगे होते हैं जिसका नियंत्रण कम्प्यूटर से होता है। इनमें कीमती पुष्पों व निर्यात की जाने वाली फसलों को उगाना चाहिए। इसके अलावा इसका उपयोग अतिरिक्त ऊत्तक संवर्धित पौधों की हार्डनिंग के लिए भी किया जाता है।
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Green House के लाभ
इसमें हम अत्यधिक व वर्ष भर उत्पादन कर सकते हैं। उच्च मूल्य वाली फसलों, पुष्पों व बेमौसमी सब्जियों की खेती कर आय को बढ़ाया जा सकता है। फसलों की नर्सरी भी अगेती तैयार की जा सकती है। ऊत्तक संवर्धित पौधों के हर्डनिंग का अच्छा माध्यम है। कार्बनिक खेती के लिए के लिए भी यह उपयुक्त है। छोटे किसान कम क्षेत्रफल में अपनी आय बढ़ा सकते हैं। रोग, कीट व खर पतवार का खतरा भी नहीं होता।
Green House के लिये अनुदान का उठा सकते हैं लाभ
उपनिदेशक उद्यान के मुताबिक राष्ट्रीय औद्यानिक मिशन के तहत आगामी सत्र से हाईटेक ग्रीन हाउस बनावाने पर छोटे व सीमांत किसानों को लागत का 50 प्रतिशत अनुदान दिया जायेगा जबकिअन्य किसानों को 33 प्रतिशत अनुदान देय होगा।