Income Tax का नाम आते ही लोगों के मन में डर का माहौल बन जाता है। खासतौर पर ज़्यादातर कैश में काम करने वालों पर इसका प्रभाव ज्यादा पड़ता है। प्रतिनिधि से विशेष बात चीत के दौरान Tax कंसल्टेंट एडवोकेट जितेंद्र वर्मा ने बताया कि ऐसे कौन से काम हैं। जिनमें ज्यादा कैश लेन देन करने से आपको आयकर की ओर से नोटिस या फिर लीगल एक्शन लिया जा सकता है।
Cash Payment में ये 6 तरह के काम करने से बढ़ सकती हैं Income Tax दिक्कतें
- कोई भी व्यक्ति अपनी कुल इनकम का 50 % निवेश करता है खास तौर पर कैश में तो ऐसे व्यक्तियों का डाटा इन कम टैक्स की टीम अलग रखती है। इन पर निगाहें लगातार बनाए रखती है।
- वहीं साल भर की इन कम के अनुरूप यदि एक बार से अधिक बार या एक बार में ही 15 लाख या उससे अधिक धन कैश में बतौर एफ़डी जमा करते हैं तो भी इनकम टैक्स के राडार में आप टॉप पर रहेंगे। इसलिए यदि आप सही हैं तो आपको ज्यादतार पैसा ऑन लिने या चेक के माध्यम से ही जमा करना चाहिए।
- कोई भी साधारण नौकरी पेशा व्यक्ति एक साल में अपने सेविंग अकाउंट में 10 लाख रुपये तक ही जमा कर सकता है। यदि उससे ऊपर होता है। या कई बार जमा होता है तो डिपार्टमेन्ट उससे उसकी इनकम पर सवाल कर सकता है। चालू खातों में अधिकतम सीमा 50 लाख रुपये है. हालांकि व्यापारियों के लिए ये सीमा बढ़ा दी जाती है।
- किसी भी व्यक्ति को क्रेडिट कार्ड का बिल 1 लाख बार बार कैश जमा करते हैं। अथवा साल में 10 लाख तक कैश बिल जमा करते हैं। तो Income Tax के सवालों के जवाब देने के लिए तैयार रहना होगा।
- प्रॉपर्टि में कैश रु 30 लाख या उससे अधिक देने पर रजिस्ट्रार की ओर से इसकी जानकारी आयकर को भेजी जाती है। इसलिए कभी भी 30 लाख रु या उससे ऊपर किसी प्रॉपर्टी को कैश में नहीं खरीदनी चाहिए।
- इसी प्रकार से एक साल में शेयर मार्केट, म्यूचुअल फंड, एलआईसी, डिबेंचर और बॉन्ड में 15 लाख से अधिक रु कैश लगाते हैं तो आयकर आपके पास कभी भी आकार सवाल पूछ सकता है।